सुहानी शाह की सफलता की कहानी एक प्रेरणादायक यात्रा है, जो दर्शाती है कि जुनून, मेहनत और परिवार के समर्थन से कोई भी अपने सपनों को सच कर सकता है। सुहानी शाह, जिनका जन्म 29 जनवरी 1990 को राजस्थान के उदयपुर में एक मारवाड़ी परिवार में हुआ था, आज भारत की पहली और सबसे प्रसिद्ध महिला मेंटलिस्ट, जादूगर और यूट्यूबर के रूप में जानी जाती हैं। उनकी कहानी उन लोगों के लिए एक मिसाल है जो पारंपरिक रास्तों से हटकर कुछ अलग करना चाहते हैं।
बचपन और जुनून की शुरुआत
सुहानी का जादू के प्रति रुझान बहुत कम उम्र में ही शुरू हो गया था। जहां ज्यादातर बच्चे डॉक्टर, इंजीनियर या टीचर बनने के सपने देखते थे, वहीं सुहानी ने जादू की दुनिया को अपना लक्ष्य चुना। मात्र 7 साल की उम्र में, 22 अक्टूबर 1997 को, उन्होंने अपना पहला स्टेज शो अहमदाबाद के ठाकोरभाई देसाई हॉल में किया। इस शो में गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री शंकरसिंह वाघेला भी मौजूद थे। इतनी छोटी उम्र में ऐसा प्रदर्शन करके सुहानी ने सबको हैरान कर दिया और उनकी प्रतिभा की पहचान होने लगी।
शिक्षा का त्याग और अनुभव से सीखना
सुहानी ने पारंपरिक शिक्षा को ज्यादा महत्व नहीं दिया। उन्होंने दूसरी कक्षा के बाद स्कूल छोड़ दिया, क्योंकि उनके लगातार शो और दुनिया भर की यात्राओं के कारण स्कूल जाना मुश्किल हो गया था। इसके बजाय, उन्होंने घर पर ही पढ़ाई की और अपने अनुभवों को अपनी सबसे बड़ी शिक्षक माना। उनका मानना है कि “स्कूल से ज्यादा अनुभवों ने मुझे सिखाया।” इस अनोखे फैसले को उनके माता-पिता, चंद्रकांत शाह और स्नेहलता शाह, ने पूरा समर्थन दिया, जो उनकी सफलता का एक बड़ा कारण बना।
जादू से मेंटलिज्म तक का सफर
सुहानी ने अपने करियर की शुरुआत एक इल्यूजनिस्ट (भ्रम जादूगर) के रूप में की, लेकिन समय के साथ वे मेंटलिज्म (मानसिक जादू) की ओर बढ़ीं। मेंटलिज्म में वे लोगों के दिमाग को पढ़ने और उनकी सोच को अनुमान लगाने की कला में माहिर हो गईं। 9 साल की उम्र में उनके शो के बाद दर्शकों ने उनसे व्यक्तिगत सलाह मांगनी शुरू की, जिससे उन्हें मनोविज्ञान और मानव व्यवहार में रुचि हुई। धीरे-धीरे उन्होंने अपनी जादूगरी को मनोविज्ञान के साथ जोड़ा और एक अनूठी कला विकसित की।
2019 तक सुहानी 5000 से ज्यादा शो कर चुकी थीं और उनकी प्रतिभा को ऑल इंडिया मैजिक एसोसिएशन ने “जादूपरी” की उपाधि से सम्मानित किया। वे देश-विदेश में अपने प्रदर्शन से लोगों को मंत्रमुग्ध करती रहीं।
यूट्यूब और सोशल मीडिया पर लोकप्रियता
सुहानी ने 2007 में अपने यूट्यूब चैनल की शुरुआत की, लेकिन कोविड-19 महामारी के दौरान उनका चैनल खूब लोकप्रिय हुआ। आज उनके मुख्य चैनल पर 3 मिलियन से ज्यादा सब्सक्राइबर्स हैं, जहां वे जादू, मेंटलिज्म और मनोवैज्ञानिक प्रयोगों से जुड़े वीडियो डालती हैं। इसके अलावा, उनके “Suhani Shah Shorts” चैनल पर भी 6 लाख से ज्यादा फॉलोअर्स हैं। सोशल मीडिया ने उनकी पहुंच को और व्यापक बनाया और उन्हें घर-घर में पहचान दिलाई।
बहुमुखी प्रतिभा: लेखिका, हिप्नोथेरेपिस्ट और ट्रेनर
सुहानी सिर्फ जादूगर ही नहीं, बल्कि एक लेखिका, क्लिनिकल हिप्नोथेरेपिस्ट और कॉर्पोरेट ट्रेनर भी हैं। 14 साल की उम्र में अपने पिता के सुझाव पर उन्होंने अपनी पहली किताब “Unleash Your Hidden Powers” लिखी, जो बेस्टसेलर बनी। इसके बाद उन्होंने कुल 5 किताबें लिखीं। गोवा में उनकी क्लिनिक “Suhani Mindcare” है, जहां वे लोगों को हिप्नोथेरेपी के जरिए मदद करती हैं। साथ ही, वे TED टॉक्स और कॉर्पोरेट सेमिनार्स में भी अपनी बात रख चुकी हैं।
निजी जीवन और प्रेरणा
सुहानी का निजी जीवन भी उनकी सादगी को दर्शाता है। वे जानवरों से बहुत प्यार करती हैं और उनके पास जायरो और स्टीव नाम के दो कुत्ते हैं। उनकी शादी अभी तक नहीं हुई है और वे अपने करियर पर ध्यान दे रही हैं। उनकी नेट वर्थ करीब 10 करोड़ रुपये आंकी जाती है, और वे एक शो के लिए 3-4 लाख रुपये चार्ज करती हैं।
चुनौतियां और विवाद
2023 में सुहानी उस वक्त चर्चा में आईं, जब उन्होंने बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री के “चमत्कारों” को चुनौती दी। जहां शास्त्री इसे दैवीय शक्ति बताते हैं, वहीं सुहानी इसे मेंटलिज्म की कला कहती हैं। इस विवाद ने उनकी लोकप्रियता को और बढ़ाया।
सफलता का मंत्र
सुहानी की सफलता का राज उनके आत्मविश्वास, लगन और अनोखे दृष्टिकोण में छिपा है। उन्होंने यह साबित किया कि औपचारिक शिक्षा के बिना भी, अगर आप अपने जुनून को पहचानें और उस पर मेहनत करें, तो दुनिया में कुछ भी असंभव नहीं है। उनकी कहानी हर उस इंसान को प्रेरित करती है जो अपने सपनों को हकीकत में बदलना चाहता है।