मेरा नाम राहुल सिन्हा है और मैं पटना, बिहार का रहने वाला हूं। मेरा जन्म बिहार के सिवान जिले के एक छोटे से गांव में हुआ, जहां मैंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा पूरी की। हमारे गांव में सुविधाएं बहुत सीमित थीं। बिजली अक्सर गायब रहती थी, स्कूल तक पहुंचने के लिए हमें लंबी दूरी तय करनी पड़ती थी और पढ़ाई के लिए आवश्यक संसाधन भी बहुत कम उपलब्ध थे। इन सभी मुश्किलों के बावजूद मेरे माता-पिता ने हमारी पढ़ाई को हमेशा प्राथमिकता दी।
2008 में बेहतर शिक्षा के लिए हमारा परिवार पटना शिफ्ट हो गया। इस बदलाव के पीछे मेरे माता-पिता का सपना था कि हम भाई-बहन अच्छी शिक्षा प्राप्त कर सकें और अपने जीवन को बेहतर बना सकें। हालांकि, पटना में जिंदगी आसान नहीं थी। आर्थिक तंगी के कारण हमारी पढ़ाई में रुकावटें आने लगीं। मेरे पिता की नौकरी स्थिर नहीं थी और उन्होंने व्यवसाय में भी निवेश किया था, लेकिन दुर्भाग्यवश उसमें उन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ा। इससे हमारी स्थिति और भी खराब हो गई।
इस कठिन समय में मैंने आठवीं कक्षा में ही अपनी जिम्मेदारियों को समझा और घर की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए ट्यूशन पढ़ाना शुरू किया। शुरुआत में मैंने छोटे बच्चों को पढ़ाया और उससे मिलने वाले थोड़े से पैसे से घर का किराया और कुछ अन्य खर्च निकालने में मदद की। धीरे-धीरे मैंने और ट्यूशन क्लासेज पकड़ लीं ताकि अपनी पढ़ाई और परिवार का खर्च दोनों संभाल सकूं।
हालात बेहतर होने के बजाय और बिगड़ते गए। ऐसे में मुझे कॉल सेंटर में काम करने का मौका मिला, जहां मैंने पढ़ाई के साथ-साथ नौकरी भी की। इसी दौरान मैंने नेटवर्क मार्केटिंग में भी अपनी किस्मत आजमाई, लेकिन वहां मुझे सफलता नहीं मिली। इससे मैं थोड़ा निराश जरूर हुआ, लेकिन मैंने हार नहीं मानी।
आगे बढ़ने के लिए मैंने मुंबई जाने का फैसला किया। वहां पहुंचने के बाद मैंने अपनी आजीविका के लिए नौकरी ढूंढनी शुरू की, लेकिन यह सफर आसान नहीं था। मुझे करीब 25-30 इंटरव्यू में रिजेक्शन का सामना करना पड़ा। हर बार असफलता मिलने के बावजूद मैंने हिम्मत नहीं हारी और अंततः मुझे एक कॉल सेंटर में 10,000 रुपये महीने की सैलरी पर नौकरी मिली।
हालांकि इस दौरान मेरी रुचि एक्टिंग में भी थी। मैंने सोशल मीडिया पर कॉमेडी वीडियो बनाना शुरू किया। शुरुआत में मेरे वीडियो पर बहुत कम व्यूज आते थे, जिससे मुझे काफी निराशा हुई। लेकिन मैंने लगातार मेहनत करना जारी रखा और एक दिन मेरा एक वीडियो वायरल हो गया। उस वायरल वीडियो के बाद मेरे कंटेंट को पसंद करने वालों की संख्या बढ़ने लगी।
धीरे-धीरे मेरी मेहनत रंग लाई और सोशल मीडिया पर मेरी लोकप्रियता बढ़ती गई। आज मेरे यूट्यूब चैनल और इंस्टाग्राम पर लाखों फॉलोअर्स हैं। इस सफलता ने न केवल मुझे पहचान दिलाई, बल्कि मैं अपने परिवार को भी एक अच्छी जिंदगी देने में सक्षम हुआ।
मेरी इस यात्रा में संघर्ष, मेहनत और धैर्य का बड़ा योगदान रहा है। मैंने सीखा कि चाहे हालात कितने भी मुश्किल क्यों न हों, अगर हम अपने लक्ष्य पर अडिग रहें और कड़ी मेहनत करते रहें, तो सफलता अवश्य मिलती है। आज मैं अपनी कहानी उन सभी लोगों को प्रेरणा देने के लिए साझा करता हूं, जो मुश्किल हालात में भी अपने सपनों को साकार करने के लिए प्रयासरत हैं।